सोनभद्र का सफ़र .......

मित्रों ,
मैं आप सभी से अपने जिले सोनभद्र के बारे में कुछ बातें साझा करना चाहता हूँ !
मेरा ऐसा करने का उद्देश्य सिर्फ इतना ही है की आप सभी सोनभद्र के सौंदर्य को जाने और जब कभी भी मौका लगे एक बार यहाँ जरुर आयें !
दरअसल सोनभद्र जिले का निर्माण १९८९ में मिर्जापुर जिले के दक्षिणी भाग को अलग कर के हुआ!
सोनभद्र का क्षेत्रफल ६७८८ वर्गकिमी तथा यहाँ की जनसंख्या लगभग १५ लाख ५ हजार है!
जो बिशेष बातें मैं आप से करना चाहता हूँ वो सोनभद्र की प्राकृतिक सुन्दरता है ! यहाँ कैमूर पहाड़ियां काफी सुंदर वातावरण का निर्माण करती हैं ! चारों ओर फैले वन जिले के सौंदर्य में चार चाँद लगाते हैं ! सोन नदी इस जिले के मध्य भाग से गुजरती  हुई न सिर्फ जिले को आभूषित करती है बल्कि यहाँ ऊर्जा के उत्पादन एवं अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में भी खासी भूमिका निभाती है ! ऐतिहासिक रूप से भी यह जिला महत्वपूर्ण है क्यूंकि यही पर विजयगढ़ का किला है जिसकी विशद चर्चा चंद्रकांता उपन्यास में की गयी है साथ ही इसी पर आधारित धारावाहिक में भी इस किले के महत्व को बताया गया है ! यहाँ स्थित शिवद्वार मंदिर शिव भक्तों की आस्था एवं भक्ति का प्रमुख केंद्र है !हर वर्ष सावन महीने में पूरे एक महीने यहाँ श्रद्धालुओं की अच्छी खासी भीड़ रहती है ! यहाँ पहुंचना बहुत ही आसान एवं आरामदायक है क्यूंकि सोनभद्र जहाँ एक ओर वाराणसी से सीधे राज्जीय राजमार्ग से जुड़ा हुआ है वही दूसरी ओर यह मिर्जापुर, सीधी, सरगुजा, गढ़वा, पलामू जिलों से भी प्रत्यछ रूप से जुड़ा हुआ है ! यानि की यह देश का एकमात्र ऐसा जिला है जो एक साथ तिन राज्यों झारखण्ड, मध्यप्रदेश, एवं छत्तीसगढ़ से अपनी सीमाएं साझा करता है !

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