इलेक्सन गाथा ...

ई बार इलेक्सन क प्रकोप ,
फैलल बा कोने कोने में !
उत्तर प्रदेश से दिल्ली तक ,
मिलि गयल सुहागा सोने में !

जे मरा रहेन पुरखा सर्गे से ,
मुहर लई के आइ गएँन !
कोउ दस नाएंन, कोउ बीस नाएंन , 
कोउ पूरा सतक लगाई गएँन !

कुछ काम धाम कइके घर क ,
हमहूँ सोचा असनान करी !
ई चुनाव पावन पर्व अहै ,
चली के आपन मतदान करी !

जब पहुचि गए पोलिंग पर हम ,
एक जने से पर्ची पाई गए !
मन में कुछु भाव रहा अइसन ,
धीरे से हम ओलिआयि गए !

एक लरिका कहेसि सुना चच्चा ,
नहकई तकलीफ उठाय तूं !
ई बूथ केसरिया भय बाटई ,
का करई बदे यहं आय तूं !

यहं त बा एकदम रामराज्य ,
हम आपन फ़र्ज चुकाई दिहा !
तोहरई भर नाहीं, घरे भरे क , 
वोट सबेरहीं डालि दिहा !! 

                     (फोटो : गूगल इमेज से साभार )



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